भगवद् गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो सदियों से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से अज्ञान के अंधकार को दूर करके हमारे जीवन को प्रकाशित करता रहा है और हमारा मार्गदर्शन करता रहा है। यह हमें फल की कामना के बिना सदा कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। वास्तव में गीता जीवन का एक संपूर्णदर्शन है जो हमारे जीवन को सार्थक और आध्यात्मिक रूप से सुखी बनाने का मार्ग दिखाता है। गीता पर समय-समय पर ढेरों टीकाएं लिखी जा चुकी हैं और उनमें गहन व्याख्याएं की गई हैं लेकिन अधिकतर टीकाएं इतनी गूढ़ हैं कि साधारण पाठकों के लिए अत्यंत दुरूह हो जाती हैं। शायद इसी बात को ध्यान में रखकर डॉ. सुभाष काश्यप जी ने गीता को यथावत् रूप में साधारण पाठकों के सामने प्रस्तुत करने का सराहनीय प्रयास किया है। वयोवृद्ध विद्वान डॉ. काश्यप करीब 80 वर्ष पहले अपने विद्यार्थी जीवन से ही गीता के उपदेशों के प्रति आकर्षित हो गए थे। उन्होंने तभी से गीता पर एक सरल टिप्पणी लिखने का संकल्प कर लिया था। वैसे तो वे दर्शन एवं राजनीति शास्त्र के अध्येता और विद्वान हैं और इन विषयों पर उनकी सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं लेकिन गीता पर सरल टिप्पणी लिखने का उनका संकल्प अब पूरा हुआ है। इस पुस्तक की विशेषता यह है कि गीता के श्लोकों का अर्थ सरल भाषा में यथावत् रूप में प्रस्तुत किया गया है। गीता को समझने की इच्छा रखने वाले साधारण पाठकों को निश्चित रूप से यह पुस्तक बहुत पसंदआएगी।